उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे पर अगले हफ्ते से एक बार फिर वाहन तेज रफ्तार में चल सकेंगे सकेंगे. एक्सप्रेसवे प्रबंधन ने ठंड और घने कोहरे को देखते हुए गति सीमा नियम लागू कर दिया था, जिसमें एक्सप्रेसवे पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड कम कर दी गई थी. हालांकि, एक बार फिर से यात्री पुरानी गति के मुताबिक, गाड़ियां चला सकेंगे. सर्दियों में घने कोहरे की वजह से दृश्यता बेहद कम हो जाती है. जिस कारण एक्सीडेंट की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. इन्हीं हादसों को कम करने के लिए गाड़ियों की स्पीड कम करने का फैसला लिया गया था.
यमुना एक्सप्रेसवे पर 16 फरवरी से गति सीमा नियम वापस हो जाएगा. इस नियम में एक्सप्रेसवे में चलने वाले वाहनों की गति कम कर दी गई थी, लेकिन अब एक बार फिर से इस नियम को वापस ले लिया जाएगा. सर्दियों में घने कोहरे के कारण दृश्यता बहुत कम हो जाती थी. जिस कारण से हादसा की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. यमुना एक्सप्रेसवे प्रबंधन ने गति सीमा कम करने की योजना बनाकर 15 दिसंबर को लागू कर दिया गया था.
पेट्रोलिंग गाड़ियों की बढ़ाई थी संख्या
इस दौरान प्रबंधक ने कई अन्य तरह की तैयारियां भी की थी. सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचने के लिए नंबर जारी किए गए थे. टीमों को तैनात किया गया था. ओवरलोड वाहनों पर नकेल कसने के लिए जीरो प्वाइंट से जेवर टोल प्वाइंट तक चार टीमों का गठन किया था. साथ ही एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग करने वाली गाड़ियों की संख्या 11 से बढ़ाकर 15 कर दी गई थी. सभी वाहनों में रिफ्लेक्टर टेप चिपकाने को लेकर भी प्रबंधक ने अभियान चलाया था.
पहले की तरह हुई यमुना एक्सप्रेसवे की स्पीड
एक्सप्रेसवे के वरिष्ठ प्रबंधक जेके शर्मा ने बताया कि 16 फरवरी से गति सीमा को छोड़कर अन्य सभी व्यवस्था जारी रहेगी. पहले की तरह हल्के वाहन की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा और भारी वाहन की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी, जो कि 15 दिसंबर 2024 से 75 किलोमीटर और 60 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई थी.