VIDEO NEWS-शाजापुर में 200 साल पुराना है खजांची मन्दिर, तीन लाख रुपए की भारतीय विदेशी मुद्रा से होता है मन्दिर का श्रंगार,
शहज़ाद खान शाजापुर- त्यौहारों पर मंदिरों में साज-सज्जा तो आपने बहुत सी देखी होंगी, लेकिन क्या आपने किसी मंदिर को नोटो की करंसी से सजा हुआ मन्दिर देखा है, तो आइये आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर की और ले चलते है जहाँ श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिर को नोटों की करंसी से मन्दिर ओर मन्दिर में विराजमान भगवान को सजाया जाता है।
शाजापुर जिले के प्रसिद्ध खजांची मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाती है। यह मंदिर राजस्थान स्थित झालरिया मठ डीडवाना के खजांची मंदिर की तर्ज बना है, जो 200 साल पुराना है। जन्माष्टमी के पर्व पर मंदिर में नोटों से विशेष सजावट की गई, जिसमें भारतीय मुद्रा सहित कई विदेशी मुद्राएं शामिल है। मंदिर की खास बात यह भी है कि यह मंदिर तो वैसे रामजी और सीता जी का है लेकिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी को श्री राम की प्रतिमा को भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप दिया जाता है।
साथ ही मंदिर की एक विशेषता यह भी है कि मंदिर की जब आरती होती है तो आरती शुरू होते ही यहाँ अचानक लोगों का जमावड़ा भारी संख्या में देखने को मिलता है।
देशी-विदेशी नोटों से सजा शाजापुर का यह खजांची मंदिर की विशेष सजावट देखने के लिए हजारों की संख्या में मंदिर पहुंचते है। लेकिन इस बार कोरोना जैसी महामारी के चलते इस बार मंदिर में कोई खास आयोजन नही होंगे।वही अनादि टीवी शाजापुर की टीम से बात करते हुवे मंदिर के पुजारी सीताराम तिवारी ने बताया कि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से नोटों से सजाया जाता है,जिसमें भारतीय मुद्रा के साथ अमेरिका, भूटान, मालदीव और सऊदी अरब की मुद्राएं भी शामिल होती है।पुजारी ने यह भी कहा कि हम साल भर की मेहनत जन्माष्टमी पर्व पर झोंक देते हैं।मंदिर को नोटों से सजाने की परंपरा 50 सालों से लगातार चली आ रही है।
खजांची मंदिर के पुजारी सीताराम तिवारी ने चर्चा के दौरान यह भी कि बताया उनके पिता पंडित दुर्गाशंकर तिवारी इस मंदिर में 68 साल पुजारी रहे। करीब 50 साल पहले उनके पिता ने एक रुपए के नोट से इस तरह श्रंगार की शुरुआत की थी। बढ़ती करंसी के साथ मंदिर को सजाने में अब तीन लाख भारतीय मुद्रा के साथ अमेरिका, भूटान, नेपाल सउदी अबर जैसे देशों की करंसी का उपयोग भी किया जाता है।
पुष्टिमार्गीय मंदिरों पर भी धूमधाम से मनाई गई जन्माष्टमी
शाजापुर के गोवर्धन नाथ हवेली और द्वारकाधीश हवेली पर कृष्ण भक्तों द्वारा भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया गया यहां पर भगवान कृष्ण की प्राचीन मूर्तियों को पंचामृत से स्नान कराया गया जिसके बाद को रत्न जड़ित कपड़े पहनाए गए। रात को जैसे ही पुष्टिमार्गीय हवेलियों के पट खुले तो वहां पर श्री कृष्ण के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी पुष्टिमार्गीय हवेली पर रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया।