शाजापुर
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प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष श्री ललित किशोर के मार्गदर्शन में “हम होंगे कामयाब पखवाड़े” के अन्तर्गत एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के पालन में आज महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से ए.डी.आर. सेन्टर शाजापुर के मिटिंग हॉल में विधिक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाजापुर श्री ललित किशोर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अंजनी नंदन जोशी विशेय न्यायाधीश, श्री सिराज अली सचिव/जिला न्यायाधीश उपस्थित थे।
यौन उत्पीड़न से सत्रुक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री ललित किशोर प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शाजापुर के द्वारा ऑरलियनो फर्नाडीस बनाम गोवा राज्य एवं अन्य नामक सिविल अपील संख्या 2482/2014 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मई 2024 में पारित आदेश के अनुक्रम में जारी किए गए नवीन दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। साथ ही कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 की पृष्ठ भूमि से लेकर वर्तमान प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा कि नियोक्ता का कर्तव्य है कि महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करें। यदि किसी महिला अधिकारी/कर्मचारी के साथ किसी भी प्रकार की यौन शोषण की घटना होती है तो वह विभागीय स्तर पर गठित आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) अथवा यदि आंतरकि शिकायत समिति का गठन नहीं किया गया हो तो स्थानीय शिकायत समिति को कर सकती है। महिलाओं की झूठी शिकायत पाएं जाने पर महिलाओं के विरूद्ध भी दण्ड के प्रावधान है।
इसके साथ ही विशिष्ट अतिथि श्री सिराज अली सचिव एवं जिला न्यायाधीश के द्वारा कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़ी विधिक जानकारी दी गई, जिसका उद्देश्य महिलाओं को यौन उत्पीड़न से जुड़े कानूनों और नियमों के बारे में जागरूक करना है। कार्यस्थल पर पीडित महिलाएं यौन उत्पीड़न के खिलाफ बिना किसी संकोच के अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है तथा नवीन निर्देशानुसार विधिक सेवा संस्था अथवा 15100 हेल्प लाईन पर भी शिकायत कर सहायता ले सकती है।
श्री इन्दर सिंह गामी चीफ लीगल एड डिफेन्स काउसिंल, शाजापुर के द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 विषय पर प्रजेनटेशन के माध्यम से उक्त विषय पर विस्तृत रूप से जानकारी देकर जागरूक किया। शिविर के अंत में उपस्थित महिलाओं द्वारा पूछे गए सवालों का संतोषप्रद समाधान भी किया गया।
इस अवसर पर समस्त न्यायधीशगण, सुश्री नीलम चौहान, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, शाजापुर, नेहा चौहान, परियोजना अधिकारी, श्री सुनील मण्डलेकर, उप जेल अधीक्षक, जेल स्टॉफ, लीगल एड डिफेन्स काउसिंल सहित न्यायालयीन महिला कर्मचारीगण एवं पुलिस विभाग, चिकित्सा विभाग से अन्य महिला अधिकारी एवं कर्मचारीगण मोजूद थे। इस कार्यशाला का संचालन श्री फारूक अहमद सिद्दीकी जिला विधिक सहायता अधिकारी के द्वारा किया गया। कार्यशाला में लगभग 100 से अधिक महिलाएं उपस्थित थी।
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