चचा और गच्चा…योगी आदित्यनाथ का बयान और शिवपाल यादव का जवाब सुन विधानसभा में लगे खूब ठहाके

उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. सदन में मंगलवार को योगी सरकार के उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पर चर्चा हो रही है. हालांकि इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान और उसपर सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव का जवाब सुनकर सदन में खूब ठहाके लगे. दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे को बधाई देते हुए कहा, आपने चचा को गच्चा दे दिया, क्योंकि भतीजा हमेशा भयभीत रहता है. सीएम योगी के बयान के कुछ देर बाद सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमने कोई गच्चा नहीं दिया. तीन साल हम आपके संपर्क में रहे तो गच्चा तो आपने भी दिया. शिवपाल के इतना बोलने के बाद सदन में मौजूद सभी नेता हंसने लगे.

इससे पहले सीएम योगी ने कहा कि, आपके (माता प्रसाद पांडे) चयन के लिए मैं आपको बधाई देता हूं. आपने चचा को गच्चा दे ही दिया. चचा बेचारा ऐसे ही मार खाता है. उनकी किस्मत ही ऐसी है, क्योंकि भतीजा हमेशा भयभीत रहता है. सीएम योगी के ये बोलने पर माता प्रसाद पांडे और शिवपाल यादव मुस्कुराए. हालांकि शिवपाल को जब बोलने का मौका मिला तो उन्होंने सीएम योगी के बयान का जवाब भी दिया.

शिवपाल यादव ने क्या जवाब दिया?

सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने कहा, हमें कोई गच्चा नहीं दिया, माता प्रसाद पांडे जी सीनियर नेता हैं… तीन साल तक हम आपके (बीजेपी) संपर्क में रहे तो गच्चा तो आपने भी दिया… जब आपने मुझे गच्चा दिया तो यूपी ने आपको गच्चा दिया और लोकसभा चुनाव में आप काफी पीछे रह गए.. 2027 में भी सपा आपको हराएगी और आपके डिप्टी चीफ मिनिस्टर आपको फिर गच्चा देंगे.

विधानसभा में क्या-क्या बोले सीएम योगी?

सदन को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सरकार महिला सुरक्षा के लिए गंभीर है, इसीलिए 2017 में आने के बाद पहला काम एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया और इसका सबसे पहले विरोध समाजवादी पार्टी ने किया. ये भी बोलने में कोई संकोच नहीं है कि महिला सम्बंधी अपराध में सबसे ज्यादा इन्वॉल्व समाजवादी पार्टी के लोग पाए जाते हैं. सीएम ने कहा कि यही नहीं ये लोग उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते है जिसने कहा था लड़के हैं गलती कर जाते हैं.

उन्होंने कहा कि महिला बाल सुरक्षा के मुद्दे केवल बाहरी ही नहीं, घर के अंदर और घर के बाहर दोनों होते हैं. सरकार ने इसको रोकने के लिए जो प्रयास किए उसकी तुलना करें तो 2016 की तुलना में दहेज की घटनाएं 23-24 में 17.5% की कमी आई. बलात्कार में 2016-17 से 2023-24 की तुलना में 25.30% की कमी आई है. 2022 से 2024 के बीच महिलाओं के विरुद्ध पॉस्को अपराध में 16718 अभियुक्तों को सजा दी गई. 21 को मृत्यदंड, 1713 को आजीवन कारावास, 4653 को दस वर्ष या अधिक का कारावास की सजा हुई.

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