शाजापुर जिले में परिवहन, ट्रैफिक, शिक्षा विभाग के सुस्त रवैये से 17 घरों के चिराग बुझते बुझते बचे, जिम्मेदार चुनिंदा स्कूल में चाय नाश्ता के बाद समझाइस का फोटो सेशन करवाकर निभा रहे जिम्मेदारी,
शाजापुर जिले में परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते आज कई घरों के चिराग बुझते बुझते बचे।। मामला जिले के शुजालपुर रोड पर देखने को मिला। अकोदिया नगर में शारदा कांवेंट स्कूल की एक मैक्सिमो वाहन ग्राम अजनई, कोहलिया ओर चापडिया के बच्चों को लेकर आ रही थी । तभी शुजालपुर रोड पर भटियानी जी वेयरहाउस के पास अचानक पलटी खा गई, इसमें 17 बच्चे और एक शिक्षिका सवार थी । इस दौरान लगभग 8 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, साथ ही ड्रायवर को भी चोंटे आई । घटना में एक बच्ची को गंभीर छोट आने पर शुजालपुर रेफर किया गया। घटनास्थल पर जाकर देखा तो गाडी पर नंबर भी नहीं थे, तथा गाड़ी पर किसी स्कूल का नाम भी लिखा हुआ नहीं है। मैजिक पलटी खाने से गाड़ी की खिड़कियों के एवं फ्रंट कांच फूट गया। प्रेस लिखी हुई मैजिक का उपयोग हो रहा था बच्चों को लाने के लिए गाड़ी के ऊपर ऊपर बुलंद मालवा प्रेस लिखा है। मौके पर मौजूद ग्रामीण ओमप्रकाश मेवाड़ ने बताया गाड़ी 60 की स्पीड में चल रही थी। अचानक गाड़ी के सामने गाय के आने से गाड़ी पलटी खा गई।उन्होंने बताया कि मैने तथा आसपास उपस्थित लोगों ने एवं राहगीरों के द्वारा बच्चों को मैजिक से बाहर निकाला गया एवं अकोदिया निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी मिलते ही एसडीओपी पिंटू कुमार बघेल भी अस्पताल पहुंचे एवं उपचारित बच्चों की जानकारी ली । इस दौरान अकोदिया थाने से एएसआई खुमानसिंह पुनिया, प्रधान आरक्षक विपिन सिंह तौमर, आरक्षक रवि रघुवंशी मौके पर पहुंच कर मामला दर्ज किया।।
आपको बता दें शाजापुर जिले में निजी स्कूलों में ऐसे स्कूली वाहन बच्चों को ला और ले जा रहे हैं जिनके पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं है ना बीमा है ना वह टैक्स भरते हैं और ना ही किसी प्रकार के यातायात के नियमों का पालन करते हैं स्थानीय पुलिस को जानकारी होने के बाद भी वह उन्हें ना रोकते हैं ना रोकते हैं और ना ही समझाइए देते हैं
खानापूर्ति के लिए परिवहन ट्रैफिक और शिक्षा विभाग कमला अपने मनपसंद चुनिंदा स्कूलों में जाकर समझाइए इसके फोटो सेशन करवा के और चाय नाश्ता के साथ उन्हें बेहतरीन का प्रमाण पत्र देकर आ जाते हैं लेकिन अगर सच्चाई पकड़ना हो तो उन स्कूलों की छुट्टी और उन स्कूलों को लगने के समय संबंधित हमले को स्कूल के बाहर खड़े होना चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा