सीहोर सीवन नदी में बहे shajapur तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर का शव 400 किमी दूर मिला,खबर में देखे क्या बोले सीहोर मंडी थाना प्रभारी,किस हालात में मिला शव,कैसे हुई पहचान और कैसे हुआ हादसा
Bhopal-आपको बता दे सीहोर की सीवन नदी में 15 अगस्त की रात पानी के तेज बहाव में कर्बला पुल से कार सहित बहे तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर के शव मिलने की आज 24 अगस्त अर्थात 9 वे दिन सूचना सामने आई है ।
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के बड़ौदा थाना के कहजापुर पुलिया के पास 20 अगस्त को एक अज्ञात शव मिला था शव की शिनाख्त के लिए सूचनाएं भेजी गई ऐसे में सीहोर से भी तहसीलदार के बहने की सूचना आई थी सीहोर में तहसीलदार के परिजनों को सूचना दी गई और डीएनए में किया गया जिससे यह बात सामने आई कि शाजापुर जिले के मोहन बड़ोदिया तहसीलदार जो सीहोर निवासी नरेंद्र सिंह ठाकुर है के रूप में हुई बुधवार श्योपुर पहुंचकर उनके बेटे ने शव की शिनाख्त की ओर शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया
15 अगस्त की रात को तेज बारिश के बाद में पुल पार करने के चक्कर में तहसीलदार और पटवारी दोनों कार सहित बह गए थे इस मामले में एसडीआरएफ एनडीआरएफ होमगार्ड सहित प्रशासनिक टीमों ने उनकी लगातार सर्चिंग की लेकिन उनका कोई पता नहीं लगा आज 24 अगस्त को उनका शव श्योपुर में मिलने की जानकारी सामने आई लापता तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर शाजापुर जिले में मोहन बड़ोदिया में तहसीलदार के पद पर पदस्थ थे उनके साथ सीहोर जिले में पदस्थ पटवारी महेंद्र रजक भी बह गए थे जिन का शव गत दिनों मिल गया था और उनकी कार मिल गई थी लेकिन तहसीलदार का शव नहीं मिलने से कई प्रकार की चर्चाएं हो रही थी
तहसीलदार का शव तेज बहाव के कारण 400 किमी का सफर तय कर श्योपुर जिले के बड़ौदा तहसील की पुलिया पार्वती नदी में 20 अगस्त को मिला था 100 की हालत बहुत खराब हो चुकी थी पहचानना मुश्किल हो रहा था डीएनए टेस्ट के बाद ही शव की पहचान हो भाई ऐसा प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया
दोनों पैर और एक हाथ गायब
22 अगस्त को नरेन्द्र ठाकुर का शव श्योपुर जिले के बड़ोदा थाना क्षेत्र अंतर्गत पार्वती नदी के किनारे मिला. शव इतनी बुरी हालत में था कि उसकी पहचान हो पाना मुश्किल था. दोनों पैर और एक हाथ को जीव जन्तु खा गए थे. खबर मिलते ही उनका बेटा और बहन श्योपुर पहुंचे. आखिरकार डीएनए टेस्ट से तहसीलदार की पहचान हो पायी. हादसे के 6 दिन बाद कुल 400 किलोमीटर दूर पार्वती नदी में बहते हुए उनका शव श्योपुर तक पहुंच गया था.
बहन ने की पहचान
22 अगस्त को सुबह 10 बजे श्योपुर में अज्ञात शख्स का शव मिला. शव तहसीलदार का हो सकता है इस आशंका में उनके परिवार को सूचना दी गयी. खबर पाकर तहसीलदार नरेन्द्र ठाकुर का बेटा और बहन श्योपुर पहुंचे. शव क्षत-विक्षत औऱ कीचड़ में लिपटा हुआ था. दोनों पैर और एक हाथ गायब था. बहन ने बहुत हिम्मत करके दूसरा हाथ देखा. उस पर नरेन्द्र नाम लिखा हुआ था. फिर भी डीएनए टेस्ट करवाया गया. उसमें शव नरेन्द्र ठाकुर का होने की पुष्टि हुई. परिवार के सदस्य उनका शव लेकर सीहोर रवाना हो गए. अंतिम संस्कार गुरुवार को होगा.
ऐसे हुआ था हादसा
तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर शाजापुर के मोहन बड़ोदिया में पदस्थ थे और पटवारी महेंद्र रजक सीहोर के नसरुल्ला गंज में पदस्थ थे. दोनों सीहोर के रहने वाले थे. 15 अगस्त सोमवार रात ये सीहोर के नजदीक रफीकगंज में अपने एक दोस्त के फॉर्म हाउस पर चार दोस्तों के साथ पार्टी करने गए थे. वहां से ये दोनों रात 11 बजे अपनी कार आई 20 में सवार होकर से घर के लिए रवाना हुए थे. उसके बाद अचानक इनके मोबाइल फोन बंद आने लगे. चिंतित परिवार ने मंडी थाना पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी. सीहोर प्रशासन ने उफान पर चल रहे कर्बला पुल पर एसडीआरएफ की टीम बुलाकर रेस्क्यू शुरू करवाया. सीवन नदी के अवंतिका गांव के पास नदी के प्रवाह में फंसी आई 20 कार गहरे में डूबी मिली. एसडीआरएफ की टीम, पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर कार बाहर खींची. घटनास्थल से पटवारी महेंद्र रजक का शव मिल गया था. लेकिन तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का तब पता नहीं चल पाया था.