दो वर्ष बाद मोहर्रम की पांच तारीख को निकला लक्कड़शाह की बुर्राक का जुलूस

शाजापुर। मातमी धून के साथ मोहर्रम की पांच तारीख को दो वर्ष बाद बुर्राक का जुलूस निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने शामिल होकर शोहदा.ए.करबला के प्रति अपनी मोहब्बत और अकीदत जाहिर कर या हुसैन के नारे लगाए। उल्लेखनीय है कि मोहर्रम पर्व के दिन जैसे.जैसे आगे बढ़ रहे हैं वैसे.वैसे मुस्लिम समाजजनों के दिलों में हुसैनी जज्बा भी बढ़ता जा रहा है और वे अपने रब की इबादत के साथ शोहदा.ए.करबला की याद में दूध और शरबत पिलाकर दुरूद और फातेहा पढ़ रहे हैं। वहीं मोहर्रम की पांच तारीख गुरुवार को स्थानीय पायगा से मीरकला बाजार तक लक्कड़शाह की बुर्राक का जुलूस निकाला गया। नौबत.ताशों के साथ हैरतंगेज करतब दिखाते हुए बुर्राक को लक्कड़शाह के तकिया में स्थापित किया गया और इसीके साथ मोहर्रम के पांच दिनों तक रात के समय शहर के अन्य दुलदुल का जुलूस भव्यता के साथ निकाले जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया।

शुरू हुआ जुलूस का सिलसिला-
पांच तारीख को बुर्राक के जुलूस के साथ ही अन्य क्षेत्रों के दुलदुल और बुर्राक के जुलूस का सिलसिला भी शुरू हो गया और अब मोहर्रम पर्व पर पांच दिनों तक सभी जुलूस मोहर्रम कमेटी के सदर इमरान खरखरे के मार्गदर्शन में निकाले जाएंगे। साथ ही जुलूस के दौरान व्यवस्था बनाए रखने में कमेटी के खजांची अकरम ठेकेदार जनरल सेकेट्री डॉक्टर मौजूद मोहम्मद मीडिया प्रभारी शफीक खान सरपरस्त मिर्जा सलीम बेग शेख शमीम असलम शाह इरशाद खान मिर्जा सोहराब बेग अजीज मंसूरी अखलाक हुसैन मदनी अफसार अहमद पप्पू सदर शकील वारसी शब्बीर भाई रज्जाक भाई सय्यद वकार अली मुंशी खान मरगूब खान सबदर भाई अजगर भाई बाबू ऐरिगेशन हनीफ राही आफताब सलमान शेख अफाक पटेल आबिद अली अनवर अली मुन्ना भाई शौकत अली जम्मू भाई अकील नूरमंडी आजाद भाई जाकिर पहलवान फैसल वारसी कय्यूम खानख् सद्दाम खान भी डटे रहेंगे। उल्लेखनीय है कि शोहदा.ए.करबला की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम पर्व की 31 जुलाई से शुरूआत हो चुकी है और अब मोहर्रम की पांच तारीख से बुर्राक के जुलूस के साथ दुलदुल के जुलूस का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। लक्कड़ शाह की बुर्राक का जुलूस गुरुवार अपराह्न 3.30 बजे पायगा से शुरू हुआ जो मुगलपुरा, कसाईवाड़ा, किला रोड, छोटा चौक, बड़ा चौक होता हुआ मीरकला बाजार स्थित शाही जामा मस्जिद पहुंचकर संपन्न हुआ, जहां तकिया में बुर्राक को स्थापित किया गया।
सेली और रेवड़ी की बढ़ी मांग
मोहर्रम पर्व की शुरूआत के साथ ही आजाद चौक में सेली और रेवड़ी की दुकान भी सज गई है। मोहर्रम पर्व में सेली और रेवड़ी पर फातेहा समाजजनों द्वारा दिलाई जाती है। वहीं बच्चों के लिए बुर्राक और दुलदुल की छोटी आकृति भी बाजार में पहुंच चुकी हैं। छोटा चौक स्थित मस्जिद को भी आकर्षक रोशनी से सजाया गया है।

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