पहली राज्य स्तरीय #YouthMahaPanchayat के पहले सत्र “यूथ फ़ॉर एनवायरमेंट: यूथ्स रिस्पांसिबिलिटी फ़ॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर” विषय पर संयुक्त राष्ट्र में पर्यावरण कार्यक्रमों के कार्यकारी निर्देशक रहे श्री Erik Solheim ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को मध्यप्रदेश को नेचर और ग्रीन स्टेट के रूप में विकसित करने में अपनी भूमिका और जिम्मेदारी समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर प्रदूषण से प्रकृति को बचाना होगा। श्री सॉल्हिम ने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं, ग्रामीण इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन किया जा सकता है। 21वीं शताब्दी एशिया की है, एशिया के देशों में भारत सबसे खास है, क्योंकि यहाँ युवा आबादी सबसे अधिक है। भारत के युवा गर्मजोशी और जीवंत विचारों से भरे हुए हैं।
अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की 116वीं जन्म जयंती पर रविन्द्र भवन में आयोजित यूथ महापंचायत के इस पहले सत्र में पैनलिस्ट के तौर पर भोपाल एनसीसी के ग्रुप कमांडेंट ब्रिगेडियर संजॉय घोष ने कहा कि एनसीसी भारत की सबसे बड़ी यूनिफॉर्म युवा संस्थान है। सुरक्षित भविष्य के लिए युवाओं को यह लक्ष्य निर्धारित करना होगा कि वे अपने आप में वो बदलाव लाएँ, जिससे युवा समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत हो। अगर हम पौधा लगाते हैं तो उसका संरक्षण करना भी हमारा प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। हम स्वच्छ भारत की संकल्पना करते हैं तो इतनी क्षमता होनी चाहिए कि आप सड़क पर पड़े हुए कचरे को बिना किसी शर्म के उठा कर कूड़ेदान में डाल सकें।
आईआईएफएम के प्रोफेसर भास्कर सिन्हा ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी को व्यवहार में लाना होगा। हर कार्य में चाहे वह ज्ञान हो अथवा किसी कार्य को करना हो उसमें उत्कृष्टता की तलाश करें। उन्होंने कहा कि स्थानीय मुद्दों को युवाओं द्वारा वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना चाहिए।
रेडियो बुंदेलखंड की आरजे सुश्री वर्षा रैकवार ने कहा कि हम युवा रीढ़ की हड्डी कहलाते हैं। मतलब समाज का सबसे मजबूत स्तंभ, वर्तमान में युवा सोशल मीडिया के बिना अधूरा महसूस करते हैं। प्रचार माध्यमों का उपयोग कर हम लोगों को पर्यावरण-संरक्षण के लिए जागरूक कर सकते हैं। पर्यावरण-संरक्षण न करने का ही नतीजा है कि हमें कोरोना महामारी के समय सांसें तक खरीदने के लिए लाइन लगानी पड़ी। पहले-सत्र को यूथ ऑफ इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक श्री शैलेश सिंघल ने मॉडरेट किया।
दृढ़ निश्चय और जुनून से ही मिलती है सफलता
दूसरे सत्र “यूथ एनेबलिंग नेक्स्ट जेन स्टार्टअप्स : थिंकिंग बियांड कन्वेंशन्स” में युवाओं को स्टार्टअप्स में सफलता के गुर बताये गये। मशहूर स्टार्ट अप एमबीए चाय वाला के फाउण्डर श्री प्रफुल्ल बिल्लौरे ने कहा कि सफलता का कोई मंत्र नहीं होता, सफलता 365 दिन 24×7 कठिन परिश्रम से मिलती है। अपने आइडिया को दृढ़ निश्चय और जुनून के साथ सफलता पाने तक निरंतर प्रयास करना ही सफलता का मंत्र है। श्री बिल्लौरे ने कहा कि एप्रोचेबल बने, व्यवहारिक ज्ञान लें, सीखने का जज्बा रखें, किसी समस्या से डरना या घबराना नहीं है। खादिगी स्टार्टअप की फाउण्डर सुश्री उमंग श्रीधर ने कहा कि कोई भी लक्ष्य पाना नामुमकिन नहीं है, जो आप सोचते हैं, सब पा सकते हैं। खुद की क्षमताओं पर यकीन करें, स्वयं पर गर्व करें। एआईसी रवीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी फाउण्डेशन के सीईओ श्री रोनाल्ड फर्नांडीज ने बताया कि भारत में आइडिया की कोई कमी नहीं है। हर क्षेत्र में बहुत संभावनाएँ हैं, बस अपने आइडिया पर नवीनता और नवीन ऊर्जा के साथ कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संघर्ष सँवारता है, खुद करोगे तो सीखोगे।
सत्र के मॉडरेटर एम.पी. स्टार्टअप सेंटर के एक्जीक्यूटिव हेड श्री अभिषेक बरदिया ने युवाओं को जानकारी दी कि स्टार्टअप इण्डिया में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं को स्टार्टअप को शुरू करने से लेकर उपभोक्ता तक वस्तु या सेवा उपलब्ध कराने के लिये कई स्तर पर सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिये इन्वेस्टर्स, मेंटर्स और इनक्यूबेशन सेंटर्स को एक प्लेटफार्म पर लाया गया है। वर्तमान में 73 हजार पंजीकृत स्टार्टअप्स हैं, जिसमें लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है।
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