मक्सी । बुद्ध पूर्णिमा को भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो कि 16 मई को दुनियाभर में धूमधाम से मनाई गई। इस दिन ही तथागत गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। वैदिक ग्रंथों के अनुसार गौतम बुद्ध भगवान के अवतार हैं। दुनिया के कई हिस्सों में मनाई जाने वाली बुद्ध जयंती का भारत में खासा महत्व है। दरअसल भारत के सन्यासी राजा सिद्धार्थ गौतम के जरिए बौद्ध धर्म की नींव रखी गई थी, जिसे आज पुरी दुनिया में जाना जाता है।
झोंकर में भगवान गौतम बुद्ध जी की मुर्ति पर पुष्प अर्पित कर माला पहनाकर मोमबत्ती जलाकर उनके जन्मोत्सव को मनाया इस अवसर पर दरियाव सिंह बौद्ध, मुकेश बौद्ध (मुकेश परमार), हेमराज बौद्ध, संतोष बौद्ध, पंकज मालवीय, धर्मेंद्र सौलकी, सुनिल धोलपुरे, विकास मंडोर, राहुल कटारिया, सत्यनारायण कुंडला, इत्यादि समाज जनों की उपस्थिति थी।
बुद्ध जयंती इकलौता ऐसा धर्म है जिसने देश के बाहर कदम रखा, इतना ही नहीं भारत में जन्में इस धर्म को बहुसंख्या में विदेशियों ने अपनाया है। आज के वक्त में भारत के अलावा ऐसे कई देश हैं जहां बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। बता दें बौद्ध धर्म विश्व के प्राचीन धर्मों में से एक है। आज बौद्ध धर्म को मानने वाले विश्व में 50 करोड़ से अधिक लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।