शाजापुर
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कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दिनेश जैन ने जिले में पशुधन के लिए भूसा एवं चारे की उपलब्धता बनाए रखने की दृष्टि से मध्यप्रदेश राज्य के जिलों को छोड़कर अन्य राज्यों में निर्यात पर भारतीय दण्डा प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाया है। उल्लेखनीय है कि अन्य राज्यों के जिलों एवं उद्योगों के बायलरों एवं ईट-भटटों में पशु चारे भूसे का ईंधन के रूप में उपयोग हो रहा है। शाजापुर जिला सीमावर्ती अन्य राज्य के जिलो से नजदीक होने के कारण जिले की सीमा से बाहर अन्य राज्यों में निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है।
आदेश के अनुसार जिले में किसी भी व्यक्ति या संस्थान द्वारा पशु चारा (आहार) घास, भूसा, कडवी (ज्वार, मक्का के डंठल) आदि शाजापुर जिले से बाहर निर्यात करना प्रतिबंधित रहेगा। उद्योगों, फेक्ट्रीयों के बायलरों, ईट-भटटों आदि में पशु चारा, भूसे का ईंधन के रूप में उपयोग करना प्रतिबंधित रहेगा। भूसा तथा चारे का युक्ति संगत मूल्य से अधिक मूल्य पर किसी भी व्यक्ति द्वारा क्रय-विक्रय करना एवं चारा, भूसा का कृत्रिम अभाव उत्पन्न करने के लिए अनावश्यक रूप से संग्रहण करना प्रतिबंधित रहेगा। ईधन उपयोगी भूसे का स्टाक के लिए लायसेंसधारी उद्योग ही स्टाक कर सकेगा, इसकी सुरक्षा की समस्त जवाबदारी संबंधित लायसेंसधारी की रहेगी एवं प्रतिबंधित अवधि में जिले के बाहर लेकर जाना प्रतिबंधित रहेगा।
आदेश सर्व-साधारण आम जनता को संबोधित है, और चूंकि इसकी तामिली प्रत्येक व्यक्ति पर सम्यकरूपेण करना तथा उसकी सुनवाई संभव नहीं है। इसलिये दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर अगले दो माह तक प्रभावशील रहेगा।
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