नगर परिषद सीएमओ व अध्यक्ष प्रतिनिधि के खिलाफ धरने पर बैठे पार्षद प्रतिनिधि,,थाना परिसर में बनाई दाल बाटी किया भोजन दिया धरना,,,,
पीपलरावा नगर परिषद में नगर परिषद बनने के बाद से ही विवाद चलता आ रहा हैं पहले अध्यक्ष बनी कविता शर्मा पिता देवनारायण शर्मा के जाति प्रमाण पत्र को लेकर काफी बवाल मचा फिर भी वह अध्यक्ष बनने में सफल हुई तमाम विरोध के बाद कम उम्र के अध्यक्ष बन कर नगर परिषद पीपलरावां का चार्ज ले लिया जब से ही एससी वर्ग के लोगों के साथ उनकी उठापटक चलती आ रही है ताजा मामला पीपलरावा नगर परिषद में सामने आया हैं जिसमें नगर परिषद के वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद प्रतिनिधि बाबूलाल शिंदे ने इनके ऊपर गंभीर आरोप लगाए हे उन्होंने कहा कि देश के तमाम बड़े नेताओं के फोटो लगे हुए हैं जिसमे गांधीजी, अटल जी, नेहरू जी व अन्य लोग शामिल है परंतु भारत के संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर, ज्योतिबा फुले, बहुजन समाज पार्टी के निर्माता काशीराम जी का फोटो नहीं लगा हुआ है जो कि पिछले कार्यकाल में यहां पर लगे हुए थे यहां पर पदस्थ सी एम ओ नर्मदा प्रसाद पांडे एवं पार्षद व अध्यक्ष प्रतिनिधि देवनारायण शर्मा ने इन्हें गालियां देकर व जातिसूचक शब्द से संबोधित कर यहां से जाने को कह दिया व कहा कि यहां तुम्हारा सिर्फ एक मत है बाकी पूरे देश में हम लोगों के सरकार हैं हम जो चाहेंगे इस नगर परिषद में वही होगा तुम्हारे कहने से किसी के फोटो नहीं लगाए जाएंगे और ना ही तुम्हें यहां पर अब आने की जरूरत है इस बात से नाराज होकर बाबूलाल शिंदे एवं बहुजन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एवं sc-st समाज के लोगों के साथ इनके खिलाफ एक ज्ञापन देने पीपलरावां थाने पर पहुंचे जहां पर उन्होंने इन दोनों लोगों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में कार्रवाई करने की मांग रखी जिस पर इन्होंने फिर आरोप लगाया कि हमारी थाने पर भी सुनवाई नहीं हो रही है तब से लोग बाबा भीमराव अंबेडकर के चित्र के साथ थाने पर धरना देकर बैठ गए हैं वहीं पर भोजन बनाना भी प्रारंभ कर दिया है । इस मामले में जब सोनकच्छ एस डी ओ पी पी एन गोयल से चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर एक ज्ञापन उनके समक्ष आया है जिसकी जांच की जा रही है जांच उपरांत इस मामले को संज्ञान में लेकर इसकी रिपोर्ट दर्ज की जाएगी वही शिंदे का आरोप है कि हम लोगों को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपमानित किया जा रहा है व हमारी सुनवाई परिषद में नहीं की जा रही है साथ ही हमारे महापुरुषों का भी अपमान वर्तमान में बैठे परिषद में अधिकारी पदाधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है ।