सांई भक्तों ने मनाई मंदिर की 32वी वर्षगांठ – भंडारे के बजाए किया प्रसादी का वितरण, शाम को कराया निराश्रितों को भोजन
शाजापुर। हर वर्ष की तरह इस बार भी टंकी चौराहा स्थित सांई मंदिर की सजावट 3 मार्च को देखने लायक थी। जहां लोग सांई की श्रृंगारित प्रतिमा को देखने पहुंच रहे थे और उनका आशीर्वाद ले रहे थे। अवसर था मंदिर की 32वी वर्षगांठ का जहां विभिन्न आयोजन किए गए। वहीं इस वर्ष भी भंडारे का आयोजन नहीं किया गया। इसके बजाए इस वर्ष से सांई सदाव्रत सेवा का शुभारंभ किया गया, जहां वर्ष में एक बार की बजाए प्रतिदिन निराश्रितों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया।
शुक्रवार को टंकी चौराहा स्थित सांई बाबा मंदिर पर प्राण-प्रतिष्ठा की वषर्गांठ मनाई गई और भंडारे का आयोजन न करते हुए केवल प्रसादी का वितरण किया गया। हालांकि मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था, जो देर रात तक जारी रहा। अलसुबह बाबा का महाअभिषेक किया गया। पश्चात् महाआरती कर दिनभर पूजा और भजन-कीर्तन का सिलसिला चलता रहा। वही बाबा के दर्शन व महाप्रसादी के लिए भक्तों की कतार देखी गई।
मंदिर की भी की आकर्षक सज्जा
सांई सेवा समिति द्वारा शुक्रवार सुबह 5 बजे श्रीसांई प्रतिमा का जलाभिषेक किया गया तथा विशेष पूजा-अचर्ना के साथ हवन किया गया। समिति द्वारा मंदिर की आकर्षक साज-सज्जा की गई। सुबह जहां सम्पूर्ण मंदिर खुशबूदार फूलों से सजाया गया, वहीं शाम मंदिर का कोना-कोना रोशनी से जगमगा उठा। बाबा की प्रतिमा का शृंगार भी शिर्डी से मंगवाए गए हारों से किया गया। श्री सांई बाबा को भोग लगाने के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
कलेक्टर ने किया सांई सदाव्रत सेवा की शुरूआत
मंदिर की 32वी वर्षगांठ से सांई मंदिर में सांई सदाव्रत सेवा की शुरूआत की गई। जिसका शुभारंभ कलेक्टर दिनेश जैन ने किया। जिन्होंने अपने हाथों से निराश्रितों को भोजन कराया। समिति के अरूण शर्मा ने बताया कि निराश्रितों व असहाय लोगों को सुबह तो भोजन की व्यवस्था हो जाती है, लेकिन शाम को इन लोगों के लिए कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते यह निर्णय लिया गया कि वर्ष में एक बार भंडारे का आयोजन करने के बजाए निराश्रितोें के लिए प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था की जाए। जिसके चलते यह सेवा शुरू की गई है।
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