विदिशा की सना अली ने किया शहर का नाम रोशन.इसरो में हुआ चयन..शहर की होनहार प्रतिभाओं में एक और बड़ा सितारा बंन कर कर उभरी है सना अली..

…विदिशा

: विदिशा शहर के निकासा मोहोल्ला रहने वाली सना अली का सिलेक्शन इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन इसरो मैं सतीश धवन स्पेस सेंटर मैं टेक्निकल असिस्टेंट की पोस्ट पर चयन हुआ है बचपन से ही मेधावी छात्रा रही सना अली एस. ए. टी. आई. कॉलेज में अध्ययनरत रही यहां से उन्होंने एम,टेक किया बचपन से ही सना अली को अंतरिक्ष में काम करने के लिए उत्सुक थी,, और इस क्षेत्र में अनुसंधान कर इस देश की सेवा करना चाहती थी,,,
…मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी सना अली को अपने अध्ययन के दौरान अत्यंत संघर्ष का सामना करना पड़ा पिताश्री साजिद अली एस ए टी आई कॉलेज में ड्राइवर थे बाद में वह लैब असिस्टेंट की पोस्ट पर रहे उन्होंने लोन लेकर बेटी की शिक्षा पूर्ण की कभी-कभी ऐसा भी वक्त आया कि सना की माता जी को अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए अपने गहने तक गिरवी रखने पड़े परंतु अपनी संतान की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आने दी सना ने खुद भी अपना व्यक्तिगत खर्च चलाने के लिए पढ़ाई के दौरान ही ट्यूशन कार्य भी किया..
अपने अध्ययन के दौरान सना का सारा ध्यान लगनऔर जुनून के साथ पढ़ाई में रहा और अत्यंत सादगी पूर्ण जीवन व्यतीत कर अपने कैरियर पर ही सारा ध्यान लगाया
मुस्लिम धर्म से संबंध होने के कारण समाज के कई लोगों ने उनके माता-पिता से कहा कि इतना पढ़ा लिखा कर क्या करोगे इसकी शादी कर दो .. सना अली के पिता साजिद अली ने किसी की भी बात पर ध्यान ना दे कर कहां की मेरी बेटी पढ़ लिख कर इस देश के काम आएगी इस देश की सेवा करेगी यही मेरी इच्छा है माता-पिता की इसी दृढ़ इच्छा और सना की अथक मेहनत और परिश्रम से आज इस मुकाम पर पहुंची है पढ़े लिखे शिक्षित परिवार में जन्मी सना अली को कभी भी धार्मिक कट्टरता का सामना नहीं करना पड़ा..
पिछले वर्ष ही उनका निकाह ग्वालियर के इंजीनियर अकरम से हुआ उनके पति और ससुराल वालों का भी उनको भरपूर सहयोग मिला…
समाज में सभी के लिए सना का यह संदेश है कि अपनी बेटियों को खूब पढ़ने दे उनके सपनों को उड़ान भरने दें वह चाहें तो आसमान क्या अंतरिक्ष मे भी अपनी उड़ान भर सकती हैं वह इस देश का नाम रोशन करेगी तो कुल का नाम रोशन अपने आप ही होगा


इस देश के युवाओं के लिए सना का संदेश है कि असफलताओं से कभी घबराओ मत अपने लक्ष्य पर कायम रहो बार-बार फेलियर होने के उपरांत भी बिना विचलित हुए अपने लक्ष्य पर कायम रहो सफलता एक दिन आपके कदम चूमेगी तुम साया बन कर चलना साथ मेरे
सना अली का विवाह एक वर्ष पहले ग्वालियर के इंजीनियर अकरम के साथ हुआ है…. कहते हैं पति पत्नी एक जीवन रथ के दो पहिये होते है ओर एक दूसरे का साथ देकर आसमान छू सकते हैं सना अली को अपने पति का भरपूर सहयोग और प्रोत्साहन मिला ओर वे सचमुच आसमा को छू गयी…..

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